अक्षय तृतीया की पूजा विधि

अक्षय तृतीया की पूजा वाले दिन नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहने और अपने पूजा के स्थान के पास गाय के गोबर से लिपाई करें हल्दी से चौका बनाएं आटे से चौका बनाएं या रंगोली बनाएं | चौका पर चावल, पांच कलश, लगाएं जिसमें एक मिट्टी का और चार स्टील या तांबे का ग्लास लगाए और सभी कलश के ऊपर कलावा बांधे और पानी भर गंगाजल डालें, स्वास्तिक बनाएं बीच में मिट्टी का कलश रखे|

इस कलश के ऊपर फल रखें मौसमी फल और जो 4 कलश हैं उस पर भी एक-एक फल रखें इस पूजा में जल दान का बहुत ही विशेष नियम है अगर आपके पास गुड्डे-गुड़िया हो तो आप उनकी भी पूजन करें साथ में रख ले |सभी कलश को फूल अक्षत चढ़ाकर पूजन करें बीच में दीपक जलाएं 2-2 चने लेने हैं और 4 महीनों के नाम लेना है जो बरसात में आते हैं –आषाढ़, सावन ,भादो , कुआर| बीच वाले कलश में पान,सुपारी,सिक्का एक हल्दी का गाठ डालना हैं और कलश के ऊपर एक कटोरी में या प्लेट में गेहूं के दाने रखें और एक दीपक जलाएं जो 4 कलश आसपास रखा हुआ है उस कलश में दो-दो चने डालें और कहा जाता है कि कलश  का चना जल्दी फूलता है उस महीने ज्यादा बारिश होती है| 

4 कलश पर जो फल है जो आप अपने परिवार में बांटे प्रसाद के रूप में और जो बीच वाला कलश है उसको किसी जरूरतमंद या किसी मंदिर में दान करें या किसी ब्राह्मण को दान करें, अगर आपके घर के आस-पास रहते हैं |अगर आप किसी को दान नहीं दे पाते हैं तो आप खुद भी उसे यूज कर सकते हैं घर में कोई दिक्कत वाली बात नहीं है| अक्षय तृतीया (2024) के पूजा में फलदान और जल-दान का विशेष महत्व है इस दिन आप कोई धातु खरीदें सोना या चांदी या तांबा या कोई कपड़ा इस दिन आप कोई व्यापार भी शुरू कर सकते हैं बड़ा ही शुभ माना जाता है|

अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करना शुभ माना जाता है| भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी के साथ वाले फोटो की पूजा करें|  कुबेर भगवान की पूजन करें| सर्वप्रथम गणेश-लक्ष्मी पूजन फूल,फल ,धूप ,दीप,अक्षत, पीला-फूल,मौली,कपूर  प्रसाद चढ़ाकर प्रेम पूर्वक पूजन करें| इस दिन पूजन करें,दान करें, किसी असहाय की मदद करें| इसका सबसे सर्वश्रेष्ठ फल मिलता है| अक्षय तृतीया के दिन भगवान सूर्य को जल में चीनी और काले तिल मिलाकर जल अर्पण करना चाहिए| एक लोटा जल पितरों के नाम से  जल अर्पण करें| इससे पितरों को मुक्ति मिलती है| घर में सुख शांति प्रदान होता है| आप एक कलश रखकर भी पूजन कर सकते हैं| कलश के ऊपर एक फल या  खीर रखें या आज के दिन सत्तू का  दान किया जाता है पूजन संपन्न होने के बाद कथा आरती करें हवन करें क्षमा मांगे |

अक्षय तृतीया के दिन सोना या चांदी नहीं खरीद पाते हैं तो कौड़ी खरीदें | श्री यंत्र खरीदें उसकी प्रतिदिन पूजा करें| अगर आपके पास पहले से भी कौड़ी रखी हुई है तो आप उनकी भी पूजन कर सकते हैं उसे गंगाजल से धोएं रोली फूल अक्षत मौली चढ़ाकर उनकी पूजन करें और मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें और प्रार्थना करें कि घर में सुख समृद्धि बनी रहे|

 अगर आपके पास दान करने के लिए कुछ ना हो तो प्यासे को सादा पानी ही पिलाएं या मीठा शरबत पिलाए| घर के मुख्य द्वार पर जल का छिड़काव करना चाहिए और जब आपको समय मिले सुबह या शाम लक्ष्मी और नारायण की पूजा आप कभी भी कर सकते हैं| अक्षय तृतीया के दिन किसी भी याचक को खाली ना जाने दे कुछ ना कुछ देकर ही भेजें| इस दिन कमल गट्टा खरीद कर लाए और उसकी पूजन करें| अगले दिन उसको लाल कपड़े में बांधकर अपने धन रखने वाले स्थान पर रख दें| माता लक्ष्मी की कृपा जरूर होगी| उपवास रखने वाले भक्तों सुबह पूजा करें शाम को पूजा करें उसके बाद कथा सुने आरती करें हवन करें और मीठी भोजन खाकर व्रत खोलें नमक ना खाएं |

गरीबों और जरूरतमंदों को दान दक्षिणा जरूर करना चाहिए |

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